नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव 2014 देश के राजनीतिक इतिहास का सबसे महंगा
इलेक्शन साबित होने जा रहा है। अंदाजा लगाया गया है कि इस चुनाव में करीब
30 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। बताया जा रहा है कि इस राशि का बड़ा
हिस्सा नकद खर्च किया जाएगा। नई दिल्ली स्थित सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज के
चेयरमैन एन भास्कर राव के मुताबिक, 'इस चुनाव में खर्च में बेतहाशा बढ़ोतरी
होगी।
30 हजार करोड़ की राशि में केंद्र सरकार द्वारा खर्च की जा रही रकम भी शामिल है। कोई भी दूसरे चुनाव से इस बार के चुनाव की तुलना नहीं की जा सकती है।' 2014 के आम चुनाव ऐसे दौर में हो रहे हैं जब यह अनुमान लगाया जा रहा है कि देश की अर्थव्यवस्था की रफ्तार 4.9 फीसदी जीडीपी तक सीमित रह सकती है।
आगे की स्लाइड में पढ़िए, चुनावी खर्च कैसे देगा अर्थव्यवस्था को ताकत:
30 हजार करोड़ की राशि में केंद्र सरकार द्वारा खर्च की जा रही रकम भी शामिल है। कोई भी दूसरे चुनाव से इस बार के चुनाव की तुलना नहीं की जा सकती है।' 2014 के आम चुनाव ऐसे दौर में हो रहे हैं जब यह अनुमान लगाया जा रहा है कि देश की अर्थव्यवस्था की रफ्तार 4.9 फीसदी जीडीपी तक सीमित रह सकती है।
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